Wednesday, September 23, 2009
हिन्दी दिवस
अभी शायाद दस दिन भी नहीं होए की १४ सितम्बर गुजरा । १४ सितम्बर क्या मतलब ?क्या आप पागल हो गए उस दिन क्या होता है? नौ गय्रह की बात करो ,अमेरिका की बात करो अंग्रेजी की बात करो क्या यह १४ सितम्बर इस दिन हिन्दी दिवस था वह भाषा जो हमारी अपनी भाषा है जिस भाषा हम सारे के सारे अधिकांश भारतीय सोचते हैं।उसी हिन्दी के लिए दिन .बचपन से हिन्दी लगाव हैं छोटा था तो हिन्दी मैं लिखता भी था .बाद मैं पता लगा अरे हिन्दी की क्या बिसात महारानी तो अंग्रेजी है । डेल्ही के पोश इलाके वसंत विहार मैं मैडम विदेशी सोफे मैं बैठ कर फलों के जूस का सेवन रही हैं और पीछे से एसी बयार फ़ेंक रहा हैं और वन्ही कंही रसोई मैं नौकर्रानी चूले के सामने बैठे गर्मी मैं झुलस रही है । बस येही मैडम अंग्रेजी है और बेचरी नौकरानी हिदी है.अपनी भाषा के साथ ऐसा सौतेला बर्ताव ?किसी भी देश के विकास मैं उसकी अपनी भाषा महत्पुरण स्थान रखती है, हामरे पड़ोस मैं ही उदहारण हैं चाइना और जापान जैसे देश। मगर शायद हम लोग अब बहुत दूर निकल आए हैं हिन्दी कंही पीछे रह गई हैं पुरानी जर्जर बुढिया की तरह और अंग्रजी कहने ही क्या भाग रही है पुरी रफ्तार से पीटी उषा की तरह । हिन्दी दिवस की बहुत शुभकामना .
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सवाल तो अच्छा है आपका।
ReplyDeleteआपके आलेख मे हिन्दी की बहुत सारी ग़लतियाँ हैं कृपया उन्हें ठीक कर लें ।
ReplyDeleteआप हिन्दी को सुदृण बनाने हेतु अपना सार्थक योगदान करते रहें. शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteहिंदू हिन्दी हिंदुस्तान
ReplyDeleteक्या है भारत की पहचान
पहले राज किया अंग्रेजों ने
अब अंग्रेजी के है गुलाम
देश की आजादी की खातिर
जाने कितनों ने देदी जान
हिन्दी को हम भूल रहे है
" nirbhay jain"
narayan narayan
ReplyDeleteचिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. सतत लेखन के लिए शुभकामनाएं.
ReplyDelete---
Till 30-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!
सुन्दर लिखा है आपनें ।
ReplyDeleteचिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.
गुलमोहर का फूल
चिट्ठाजगत के माध्यम से आप हिन्दी को नौकरानी से मैडम बनाने का प्रयास जारी रखें । शुभकामनाएं । मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
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