Thursday, September 24, 2009
जन्मदिन मुबारक
कल बात हुई १४ की आज बात १५ की , १५ को दूरदर्शन ने ५० वर्ष पुरे किए .अगर आप ९० के दशक के बाद के हैं तो यह सारी बात आपको बहुत ही विचित्र लग सकती है .जब मैं भारत से चला था तो सिर्फ़ और सिर्फ़ दूरदर्शन ही था मुझे इस परम शातिशाली देश अमेरिका मैं लगभग २० वर्ष से अधिक हो गए । बुधवार की रात का चिर्त्रहार का मजा ही कुछ और था । और फिर रविवार की फ़िल्म , शाम ६ बजे से दिल की धड़कने बाद जाती थी , बाजार जैसे खाली हो जाते थे । ठीक सवा आठ बजे हिन्दी समाचार । उस ज़माने के कुछ चे़रहे थे , परतिमा पुरी , बालों मैं फूल लगाने वाली सलमा सुलतान , तेजी से अन्गेरेजी पढने वाले रामू दामोदरन , फूल खिले गुलशन गुलशन वाली तबसुम को कौन भूल सकता है .अरे भाई क्रषि दर्शन भी तो आता था जिसे आते ही सब भाग जाते थे। अब बात निकली तो विजापन भी याद आ रहे हैं , दूध सी सफेदी निरमा से आए , रंगीन कपड़ा भी खिल खिल जाए । सारेके सारे टीवी शवेत शाम हुआ करते थे , रंगीन तो भूल ही जाईए । जन्मदिन मुबारक , दूरदर्शन !
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आहा!!हा!!
ReplyDeleteबहोत सी पुरानी यादें ताज़ा करदी आपने।
हमभी जल्दी जल्दी ख़ाना बनाकर" रजनी" बुनियाद" देखने बैठ जाया करते थे।
आभार॥