Friday, October 16, 2009
हैप्पी दिवाली
आज दिवाली है ,रह रह कर भारतवर्ष की याद आ रही है , कैसी कैसी मिठाई खाने को मिलती थी ,एक मिठाई मुझे आज सुबह से याद आ रही है , वोह है बाल मिठाई , बाल मिठाई कुमाओं की पारम्परिक मिठाई है , डेल्ही मेशायद ही मिले इसे लेने के लिए आप को नानिताल या अल्मोरा जाना होगा। बढ़ी ही सावादिष्ट मिठाई है , बस अन्दर जाते ही मुहँ मैं घुल जाए । यहाँ दस पन्दरा हज़ार मील दूर अमेरिका मैं मिठाई मिलती तो है लकिन वोह बात कहाँ । आज या कल ओ़बामाजी ने भी दिवाली मनाई दीप जलया संदेश दिया .बीस से अधिक वर्ष हो गए पर मन भारत मैं ही रमता है , रफी साहब का गाना याद आ रहा है , कभी मगराब से मसरफ मिला है न मिलेगा , जहाँ का फूल है जो वहीँ पे वोह खिलेगा , यहाँ मैं अजनबी हूँ , यहाँ मैं अजनबी हूँ .
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खूबसूरत रचना...
ReplyDeleteसाल की सबसे अंधेरी रात में
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी
कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
झटकें सभी तकरार ज्यों आयी-गयी
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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निशि दिन खिलता रहे आपका परिवार
ReplyDeleteचंहु दिशि फ़ैले आंगन मे सदा उजियार
खील पताशे मिठाई और धुम धड़ाके से
हिल-मिल मनाएं दीवाली का त्यौहार
अच्छी रचना !!
ReplyDeleteपल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
अच्छा है भारत से दूर हो
ReplyDeleteमिलावटी मिठाई से दूर रहना ही अच्छा है
दीपावली सब को मंगलमय हो।
आपको दीपावली पर्व की हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteदीपक भारतदीप
दीपावली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं!!
ReplyDeleteपरमजीत बाली
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
ReplyDeleteदीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
सादर
-समीर लाल 'समीर'